जिस तरह से भारतीय सिनेमा में फिल्मों पर अश्लील और हिंसक कॉन्टेंट पर कैंची चलाने के लिए सेंसर बोर्ड बना हुआ है, लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT) पर इस तरह के कॉन्टेंट पर रोक लगाने के लिए कोई बोर्ड नहीं बना है। ना ही कोई सख्त नियम हैं। लेकिन , अब भारत सरकार की पहल के बाद इस पर भी कैंची चलने वाली है।
OTT की दुनिया अपने पैरभारत में पसार चुकी है। भारत में नेटफ्लिक्स से लेकर डिज्नी प्लस हॉटस्टार और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स दर्शकों के लिए उपलब्ध हैं, जहां पर दर्शक ढेरों फिल्में और वेब सीरीज देख सकते हैं। वैसे ओटीटी पर कई फिल्मों और वेब सीरीज में अश्लील बोल्ड सीन्स और हिंसा की भरमार है। जिन पर अब कैंची चलने वाली है। खबर आ रही है कि ओटीटी पर अश्लील और हिंसक कॉन्टेंट को लेकर भारत सरकार ने कैंची चलाने कि पहल की है।
एक सरकारी सूत्र और सोर्स के मुताबिक, भारत ने नेटफ्लिक्स NFLX.O, डिज़नी DIS.N और इस तरह के कई अन्य स्ट्रीमिंग सेवाओं से कहा है कि ऑनलाइन दिखाए जाने से पहले कॉन्टेंट की अश्लीलता और हिंसा के लिए इंडिपेंडेंट रूप से रिव्यू किया जाना चाहिए।
बैठक में स्ट्रीमिंग कंपनियों को दिया गया था प्रस्ताव
भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय में 20 जून की बैठक में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्मों को ये प्रस्ताव दिया गया था। कि फिल्म को दिखाये जाने से पहले अश्लील सीन को काट दे । स्ट्रीमिंग कंपनी, जिन्हें OTT प्लेटफॉर्म भी कहा जाता है, ने सरकार कि इस बात पर आपत्ति जताई जिसकी वजह से कोई फैसला नहीं हो पाया। भारत सरकार ने बैठक में ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील और हिंसक कॉन्टेंट के बारे में चिंता जाहिर की थी।
इंडिया में OTT की पॉप्युलैरिटी
नेटफ्लिक्स और अमेजन की भारत में जबरदस्त पॉप्युलैरिटी है। मीडिया पार्टनर्स एशिया के अनुसार, साल 2027 तक इस क्षेत्र के लिए 7 बिलियन डॉलर का मार्केट बनने के लिए तैयार है। यही नहीं अब तो बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स भी ओटीटी पर कदम रख रहे हैं। अब तो कई फिल्में सीधे ओटीटी पर ही रिलीज की जा रही हैं।
देखने को मिलेगा बदलाव!
भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की इस मीटिंग को अमेजन, डिज्नी, नेटफ्लिक्स, वायकॉम 18, एप्पल और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनी के दिग्गजों ने अटेंड किया था।इस मीटिंग में कहा गया की जिस तरह से फिल्मों में अश्लील कॉन्टेंट पर कैंची चलाने के लिए सेंसर बोर्ड है,उसी तरह OTT पर भी होना चाहिए । अब ये देखना होगा कि क्या ओटीटी की दुनिया में इस प्रस्ताव के बाद क्या बदलाव होंगे।